नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं- राजद

पटना। राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा बिहार में कानून का नहीं पुलिस का राज जैसी सख्त टिप्पणी के बाद नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। यदि थोड़ी भी उनमें नैतिकता है तो उन्हें अविलंब अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी  हाई कोर्ट द्वारा दिये गये एक फैसले के खिलाफ  बिहार सरकार की ओर से दायर की गई एक याचिका की सुनवाई करते हुए की है। राजद प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय संविधान के अनुसार विधायिका द्वारा बनाए गए कानून को लागू करने की जिम्मेदारी कार्यपालिका यानी सरकार के उपर है। उसके अनुरक्षण की जिम्मेदारी न्यायपालिका की है। और जब सुप्रीम कोर्ट खुद कह रही है कि बिहार में कानून का राज नहीं है अर्थात राज्य सरकार अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों के निर्वहन में पूरी तरह से विफ ल साबित हो रही है। यैसी स्थिति में मुख्यमंत्री जी को स्वयं पहल करते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए।

यदि वे स्वत: इस्तीफा नहीं देते हैं तो महामहिम राज्यपाल को अपने संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए स्वयं हस्तक्षेप करना चाहिए। श्री गगन ने कहा कि पटना हाई कोर्ट द्वारा तो अबतक दर्जनों बार राज्य सरकार पर तल्ख टिप्पणियां की गई है और फ टकार लगाये गये हैं। फ रवरी 2020 में भी पटना हाई कोर्ट ने कहा था कि कानून का राज केवल स्लोगन रह गया है। मुजफ्फ रपुर बालिका गृह कांड,  पटना में जल जमाव , मुंगेर गोलीकांड, कोरोना महामारी, ऑक्सीजन की कमी, पुलिस मे बहाली, शिक्षकों की नियुक्ति, पटना गया रोड सहित बिहार के सड़कों की स्थिति, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे विभागों की बदहाली जैसे मामलों की सुनवाई करते हुए पटना हाई कोर्ट राज्य सरकार के खिलाफ  कई बार काफी  गंभीर टिप्पणियां कर चुका है। राजद प्रवक्ता ने कहा कि बिहार की स्थिति तो यह हो गई है कि बगैर न्यायालय के हस्तक्षेप के यहाँ कुछ होता हीं नहीं है।

श्वेता / पटना

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